यदि छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्री प्रदीप बोगी की सुने तो चिकित्सक कर रहें है फार्मेसिस्ट के आधिकारों का अतिक्रमण!
विगत दिवस संघ के प्रांतीय कार्यालय में हुए फार्मेसिस्ट गणों की सुधी सभा में श्री बोगी जी ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि यूरोपीय मुल्कों में चिकित्सक केवल मरीजों का परीक्षण कर उनके रोग का पता लगाते है और फिर उन्हें दवा के लिए फार्मेसिस्ट के पास भेजते है। फार्मेसिस्ट रोगियों की उम्र, शरीर के वजन और अन्य आवश्यक विवरण लेकर उन्हें उचित दवा देते हैं। फार्मेसिस्ट दवाओं के ज्ञाता होते हैं और अद्यतन जानकारी रखते हैं। चिकित्सकों का दवाओं में कोई हस्तक्षेप नहीं होता।
संघ की उक्त सभा में श्री बोगी जी ने फार्मेसिस्ट गणों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षानुरूप योग्यता और अधिकार को जानकर उसका अभ्यास, अनुशीलन करें।
संघ के महामंत्री और फार्मेसिस्ट संवर्ग के मशाल वाहक श्री अश्विनी गुरदेकर जी ने उक्त कथन को मौन स्वीकृति देते हुए दो टूक कहा कि फार्मेसिस्ट को साढ़े चार साल का व्यावसायिक पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना पड़ता है और यह भी महंगा पाठ्यक्रम है। उक्त सभा में प्रदेश भर से आये फार्मेसिस्ट गणों में नया उत्साह प्रदिप्त हुआ।