छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक लिखित मांग में संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, बस्तर डॉ डी राजन, और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बिलासपुर, डॉ अनिल श्रीवास्तव के कदाचरण उल्लेखित है। स्वास्थ्य सचिव से पत्राचार कर उक्त दोनों अधिकारियों के निलंबन की मांग संघ ने की है।
संघ ने यह पाया है कि डॉ डी राजन द्वारा जिला कांकेर के खंड विस्तार प्रशिक्षण आधिकारी पद पर कर्मचारियों को पदोन्नत कर जानबूझकर पहले दूरस्थ स्थापना की गई और बाद में लेन देन कर आदेश संशोधन कर नजदीक पदस्थापना की गई। संघ के प्रांताध्यक्ष श्री आलोक मिश्रा एवम् उप प्रांताध्यक्ष एस पी देवांगन ने उक्त कदाचरण को प्रकाश में लाते हुए अपना संयुक्त बयान भी जारी किए है।
रोहित मरकाम नमक कर्मचारी को पहले बीजापुर और बाद में कांकेर पदस्थापना किया गया। एक अन्य कर्मचारी को सुकमा फिर कांकेर, वहीं किसी अन्य को पहले कटे कल्याण फिर अन्यत्र किया गया।
संघ ने पदोन्नति व स्थान आबंटन के जांच की मांग की है। संघ ने यह भी पाया है कि डॉ डी राजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नानपुर, के प्रभारी रहते हुए टीकाकरण में राशि का गबन किया, तोकापाल में रहते हुए रुपए ९७००० का फर्जी टी ए बिल लिया गया और नियम विरुद्ध खरीदी की गई। बाद में जांच में सही पाए जाने पर चालान द्वारा राशि जमा कराई गई। जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर अपने पद पहुंच से उक्त जांच को भी रुकवाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बिलासपुर डॉ अनिल श्रीवास्तव के विरुद्ध संघ ने पाया कि उक्त अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नियम विरूद्ध आचरण कर कलेक्टर महोदय को गलत अनुशंसा कर स्थानांतरण करवाया गया।