(विगत दिवस के आगे।)
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तत्कालीन प्रांताध्यक्ष श्री ओ पी शर्मा द्वारा किए गए शिकायत पर जांच में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल के विरुद्ध पाए गए अन्य अनियमितताएं कुछ ऎसी हैं कि यूनिसेफ़ ने केवल मानदेय हेतु राशि दी थी किन्तु सीएमएचओ ने ट्रांसपोर्टेशन, कंसुमेबल एवम् ऑफिस हेतु १,७४,६३८ व्यय किए जो निर्देश के विपरित है।
उक्त जांच के निष्कर्ष बिंदुओं में यह भी उल्लेखित है कि यूनिसेफ से एस डी आर एफ में राशि प्राप्त कर सीएमएचओ को देने हेतु शासन ने दिनांक ३/९/२०२१ को अनुमती डी किन्तु संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा उसके पूर्व ही दिनांक ३१/५/ २०२१ को सीएमएचओ रायपुर को राशि ६,१६००० की राशि स्थानांतरित करने की कार्यवाही की है।
शासन द्वारा यूनिसेफ कि राशि को एसडीआरएफ में प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी किन्तु इसे संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं के खाता नंबर ३२३०२५०६३७० में प्राप्त कर स्थानांतरित किया गया है।
शासन ने डीएचएस को यूनिसेफ से राशि प्राप्त कर मानव संसाधन हेतु व्यय करने की अनुमति दी थी जिसमे डॉक्टर फॉर यू संस्था का कोई उल्लेख नहीं था किन्तु डीएचएस ने सीएमएचओ रायपुर को राशि देनेवाले पत्र में डॉक्टर फॉर यू संस्था का उल्लेख किया।
सीएमएचओ कार्यालय में भुगतान हेतु १ पृष्ठ की नस्ती संधारित है, यह नस्टी लेखपाल ने प्रस्तुत की है किन्तु भुगतान के पूर्व पुष्टि नहीं है, मद का भी उल्लेख नहीं है।

माना में १४ चिकित्सकों को कार्यरत दर्शाया गया किन्तु इसमें से निमोरा में १० चिकित्सकों के ठहरने की पुष्टि हुई है , इनके मानदेय का दर निर्धारण का आधार नहीं है।
नास्ती में (डिस्ट्रिक्ट एकाउंट मैनेजर) की टिप/अभिमत नहीं है , जो कार्यालय में वित्तीय कार्यों के लिए ही पदस्थ हैं।
यूनिसेफ के स्पॉट चेक ऑडिट में वाउचर का उचित संधारण नहीं होना पाया गया।
डॉक्टर फॉर यूं को प्रति चिकित्सक रुपए ७५००० ( १.५ लाख दो माह हेतु) जो एनएचएम द्वारा निर्धारित मेडिकल ऑफिसर के मानदेय रुपए ५८१०० प्रतिमाह से अधिक है।
अपनी जांच में समिती ने अंत में यह अभिमत व्यक्त किया है कि अनियमितताओं हेतु कार्यवाही किया जाना उचित होगा।