आंखो कि बिमारियों से आरोग्य लाभ हेतु मरीजों को नेत्र सहायक अधिकारियों की सेवाओं से गुज़र कर नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना होता है। प्रदेश कि चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था में वर्तमान में नेत्र सहायक अधिकारी बनाने कि कोई नियमित पाठ्यक्रम संचालित.नहीं की.जा रही है। पूर्व में राजधानी स्थित पं जवाहरलाल नेहरु स्मृति चिकित्सालय में एक सेंटर चलाया जाता था। लगभग पांच वर्षों तक नियमित चलने के बाद यह सेंटर बंद हूआ।

नेत् सहायक अधिकारी के महत्व।

आँख के मरीजों का दृष्टि परीक्षण कर मरीजो के बिनारी को पहचान कर ईलाज करते हुए नज़र के चस्मा नंबर प्रदाय करना व मोतिया बिंद मरीजो, काला मोतिया बिंद मरीजो का परीक्षण करना ओपरेशन के लिए उच्च संस्था को भेजते है, स्कूली बच्चो को अंधतव् से बचाना आदि कार्य करते है,आँखों के ओपरेशन के समय निश्चेचेतना डॉक्टर की तरह की सूई लगाना। एवम नेत्रदांन के समय पुरी शल्य क्रिया कर नेत्र निकालकर नेत्र बैंक भिजवाना आदि, राष्ट्रीय अंधतव् कार्यक्रम मे सक्रिय योगदान देते है|इनकी नेत्र स्वास्थ्य जागरुकता मे हिस्सेदारी वृहद् स्तर पर होती है

नेत्र सहायक अधिकारियों की संख्या बढ़ाने से इनकी सेवाओं का प्रदेश भर के अस्पतालों के माध्यम से जनता को मिलेगी।

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