समाज में आधुनिक चिकित्सा सुविधायों के समानांतर पनप रहें हैं निम् हकीम भी l एक लोकप्रिय और लम्बे समय से गुजरा हुआ मुहावरा है, “नीम हकीम खतरे जान”l क्या ये गाँव में दिखते हैं के जबाब में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष श्री आलोक मिश्रा ने जानकारी दी की नीम हकीम प्रदेश की राजधानी में भी अपना कौशल विस्तार किये हुए हैं l इन्हें झोला छाप डॉक्टर भी कहा जाता है और ये लोग सभी प्रकार के बीमारियों के सफल इलाज करने का दावा करते हैं l ये नीम हकीम मधुमेह और कैंसर जैसे रोग के इलाज का दावा भी करते हैंl इनकी जानकारी शासन, प्रशासन को नहीं है, ऐसा नहीं कहा जा सकताl शायद सम्बंधित अधिकारीयों के पास वर्कलोड के कारण समयाभाव हैl न केवल ब्लाक मेडिकल ऑफिसर बल्कि गाँव स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी इनकी जानकारी होती हैl ‘उत्कोच से काम चल रहा है’, ऐसी सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकताl यह जिम्मेदारी आम जनता पर ही छोड़ देना चाहिए की जरुरत पड़ने पर वे अपना चिकित्सक ध्यानपूर्वक स्वयं चुने l
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