छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक और मांग है कैश लेस इलाज। संघ ने इस मांग को लेकर सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कलयाण को पत्र लिखा है।
संघ के प्रांताध्यक्ष श्री आलोक मिश्रा ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में शासकीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए चिकित्सकीय व्यय प्रतिपूर्ति की व्यवस्था है। यदि किसी स्वास्थ्य कर्मचारी को निजी चिकित्सालय में बाध्य होकर कठिन व महंगा इलाज लेना पड़ता है, तो उन्हें उक्त अस्पताल द्वारा दी गई देयक को शासन के संबंधित शाखा में प्रस्तुत कर प्रतिपूर्ति हेतु प्रतीक्षा करनी पड़ती है। एक तो पहले अपने जेब से खर्च करना पड़ता है और उसके बाद देयक को स्वीकृत कराने हेतु मुठ्ठी गरम करनी पढ़ती है।

संघ ने मांग किया है कि समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों का ५ (पांच) लाख का स्वास्थ्य बीमा करते हुए कैश लेस इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाय।
संघ ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य के पुलिस एवम् बिजली विभागों के कर्मचारियों को कैश लेस इलाज सुविधा मिल रही है। बस कार्ड दिखाएं और इलाज कराएं।