निर्वाचन आयोग ने पूरे भारतवर्ष में शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को लेकर वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार करवाया गया है , जिसमे छत्तीसगढ प्रदेश भी अग्रणी भूमिका निभाई है  जिसमे स्वास्थ्य विभाग के विभाग प्रमुखो द्वारा भी मतदाता जागरूकता संबधी प्रचार-प्रसार हेतु लाखो रूपये का खर्च किया गया है ताकि जन-जन तक अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संदेश पंहुचाया जा सकें। शत-प्रतिशत मतदान हो सके इसी उद्देश्य से दिनांक 07.05.2024 को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया है ।
 परन्तु खेद का विषय है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रमुखो के द्वारा अपने विभाग के कर्मचारी जिसकी आपातकालीन ड्यूटी लगाई गई है , वो अपने मताधिकार का प्रयोग किस प्रकार से करेंगें इस संबंध मे किसी भी प्रकार से कार्ययोजना नही बनाया गया है, चूकि स्वास्थ्य विभाग के नियमित/संविदा/प्लेसमेंट/आदि कर्मचारियो का मतदान दिवस मे आपातकालीन ड्यूटी लगाई गई है, अवगत हो कि कर्मचारी विभीन्न जिला, विधानसभा एव लोकसभा क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रो मे कार्यरत (पदस्थ ) है, इस कारण शासकीय सेवा मे कार्यरत क्षेत्र से अपने निवास क्षेत्र ( मतदाता सूची मे नाम है) मे मतदान करने जाना नामुमकिन हो जाता है। इस कारण कर्मचारी अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित हो जाते है।


पूर्व मे भी छ.ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस संबंध मे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मुख्य निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराते हूए आपातकालीन ड्यूटीरत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियो का डाक मतपत्र या मोबाईल बूथ के माध्यम से मतदान प्रक्रिया को पूर्ण कराने का आग्रह कर चुका है। एवं विभाग के अधिकारी भी इस बात से अवगत है , लेकिन आपातकालीन ड्यूटीरत कर्मचारियो के लिए न ही डाक मत पत्र की व्यवस्था की गई है न ही मोबाईल बूथ की व्यवस्था की गई है जिससे प्रदेश के लगभग 25-30 हजार कर्मचारी को अपने मताधिकार से वंचित होना पडेगा , जो कि विभाग के अधिकारियों द्वारा लाखो रूपये खर्च कर किये गये प्रचार प्रसार एक मात्र प्रचार प्रसार , पोस्टर, बेनर तक ही सिमट के रह जायेगा।
   छ.ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ पुनः मांग करता है कि  दिनांक 07.05.2024 को होने वाले लोकतंत्र के पर्व मे स्वास्थ्य विभाग के लगभग 25-30 हजार नियमित/ संविदा/प्लेसमेंट/आदि..कर्मचारी  जो 24 घंटे आपातकालीन ड्यूटीरत है , उसके लिए डाक मतपत्र या मोबाईल बूथ की व्यवस्था किया जाये जिससे सभी भारत के नागरिक के तरह स्वास्थ्य विभाग के आपातकालीन ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी  लोकतंत्र के पर्व मे शामिल होते हुए अपने मताधिकार को सुरक्षित कर मतदान कर सके।*

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