मातृत्व नारी जिवन की चरम सार्थकता मानी जाती है। कवि हृदय से मातृ वंदना है,”सागर के भी होते है तल और पार, पर मातृ स्नेह है अतल, अपार प्रेममय पारावार।” छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ ऐसी हतभागी महिला स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जो संभवतः शासन-प्रशासन की चिकित्सकिय मापदंडों के प्रति उदासीनता के कारण मातृत्व सुख से वंचित है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अंतर्भुक्त रेडियोग्राफरों की इकाई कर्मचारी व व्यापक जनहित के उद्मेश्य से चिकित्सा विज्ञान को आधार बनाते हुये यह प्रचार-प्रसार कर रही है कि सभी प्रकार के अस्पतालों में अनेक मशीनें ऐसी होती है जिससे radiation (विकिरण) प्रक्षेपित होते है। इन मशीनों से रोगों की स्थिति का पता चलता है और सठीक इलाज भी की जाती है। एटोमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड के नियमानुसार ही इन मशीनों को अस्पतालों में.लगा्या तथा संधारण किया जाता है।
संघ के रेडियोग्राफर प्रकोष्ठ ने नियमों का हवाला देते हुये बताया कि अस्पतालों के जिन कक्षों में विकिरण निकालने वा्ली मशिनें लगी होती हैंं वहां 3mm पैनल लेड बैरियर और दरवाजों पर 2mm लेड शीट होना अनिवार्य है। X-ray से प्रायमरी व सेकेन्डरी रेज़ निकलती है , और सेकेन्डरी रेज़ चारों तरफ फैलती हैं।
लेड बैरियर व लेड शीट न होने से रेडियोग्राफरों तथ मरीजों की संगति करनेवाले परिजनों को भी मशिनों का विकिरण झेलना पड़ सकता है।
अनावश्यक विकिरण झेलने से अनेक गंभीर बिमारियां हो सकती हैं, जिनमें कैन्सर भी शामिल है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 150 ऐसे शासकीय अस्पताल हैं जहां विकिरणवाली मशीनों के साथ लेड बैरियर व लेड शीट का ख्याल नहीं रखा गया है। ऐसे अस्पतालों के उक्त क्षेत्रों में कार्यरत कुछ महिला स्वास्थ्य कर्मचारी संभवतः अनावश्यक विकिरण झेलने के कारण गर्भधारण नही�