अपनी ऋषि संस्कृति और कृषी संस्कृति से सुरभित छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की चुम्बकीय शक्ति ने प्रदेश के पड़ोसी राज्यों के कलाकारों को भी अपनी मर्म वेदना से प्रस्तुतियां देने को उत्साह प्रदान किया l आज के आधुनिक युग में रामायण के उच्च आदर्शों को आम जनमानस में पुनः प्रतिष्ठा देने के श्री भूपेश बघेल सरकार के पुनीत उद्देश्य को फलीभूत होता देख समाज के सभी वर्ग के लोगों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की l

धर्मनिरपेक्षता और संस्कृति-संस्कार प्रेमी लोगों ने ह्रदय से इस बात को रेखांकित किया की यह आयोजन कहीं भी धार्मिक उन्माद और उग्रता को प्रश्रय-आश्रय नहीं दे रहा हैl सभी धर्मों की भावनाओं के आदर मिश्रित परिवेश में एक धर्मं के गुलाब को देखने का मुक्त वातायन प्रदान कर रहा हैl

संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दीप प्रज्ज्वलित कर आज के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर लोकगायक दिलीप षडंगी ने अपनी टीम के साथ हनुमान चालीसा की प्रस्तुति  दी। महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की थाप के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया।

इस अवसर पर मंत्री श्री अमरजीत भगत ने महोत्सव में उपस्थित दर्शकों को सम्बोधित करते हुए स्वयं स्वागत लोकगीत गाया। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम का मंच पर पहुंचने पर गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया।

पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर जीवंत प्रस्तुति दी l उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने उस दृश्य को दर्शकों के समक्ष जीवंत कर दिया जब दंडकारण्य में राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे।

 राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन भी जारी रहा रामायण की विविधरंगी प्रस्तुतियां l आज कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड से आए कलाकार दल की प्रस्तुति के साथ हुई। झारखंड के कलाकारों द्वारा अरण्यकांड पर मनमोहक प्रस्तुति दी गई। सीता हरण प्रसंग और राम द्वारा शबरी के झूठे बेर खाने के प्रसंग का हो रहा है मनमोहक प्रस्तुतिकरण।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *