प्रदेश की राजधानी रायपुर स्थित शासकीय संदर्भ इकाई डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में मरीज के परिजन लेटे, बैठे पाए जाते हैं बरामदे, आवागमन के मार्गों में l क्या आमजनता की यह श्रीहीन अवस्था सरकार की असफलता है ?
भारत देश अपनी स्वतंत्रता के बाद कई पंच-वर्षीय योजनाओं का केंद्र एवं राज्य स्तर पर साक्षी होता आया है, और स्वास्थ्य सेवाएँ तथा चिकित्सा शिक्षा के मापदंडों में गतिशील होते हुए प्रगतियां भी दर्ज की हैl एलोपैथी जगत में हो रही खोज, आविष्कार, अनुसंधान और नवाचारों को देश की हर सरकार ने अपनी-अपनी स्वास्थ्य सेवाओं में समावेश करते हुए आम जनता के लिए चिकित्सा को सुलभ बनाया है l देश आज भोंपू बजाती हुई भांप-इंजन वाली रेलगाड़ी से निकलकर विद्युत् चालित रेलगाड़ियों में सफ़र कर रहा है l
पर, अस्पतालों में और रेलगाड़ियों में आवागमन के मार्गों तक में स्वस्थ, सबल, चेतनासंपन्न आधुनिक-आधुनिका पुरुष, महिलाओं का लेटना, बैठना और खाना-पीना शायद हर स्वच्छता आवेष्टित प्रगति के प्रतिक पर निरुत्साहित करनेवाली धब्बा हैl
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की हित्साधाक संस्था छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष श्री आलोक मिश्रा के अवलोकन अनुसार देश में सुनिश्चित प्रगति के लिए दो मापदंडो पर और जोर देकर कार्य करने की जरूरत हैl ये हैं- जनसंख्या नियंत्रण और रोग निवारणl

श्री आलोक मिश्रा ने अपना साक्षित्व का प्रकटीकरण करते हुए आगे कहा की केवल अस्पतालों में बरामदे या आवागमन के मार्गों पर ही नहीं, कई वार्डों में रोगी शैयाओं के निचे भी परिजन को सोते हुए देखे गये हैंl कई बार मरीज को जमीन में लेटाकर भी उपचार हेतु ड्रिप चढ़ाई गयी हैl
श्री अलोक मिश्रा के विचार आज के उन चिंतकों से मिलते हैं जो कहते हैं की बेलगाम जनसंख्या और भोगवाद न केवल किसी देश, बल्कि समग्र पृथ्वी और मानव अस्तित्व पर अपने-आप को बनाये रखने को चुनौतीपूर्ण बना दिया है l
स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन और रोग निवारण पर सतत कार्य करती आ रही है, परन्तु आम जनता में और संवेदनशीलता की आवश्यकता हैl अंग्रजी कहावत, “ Prevention is better than cure.”, जिसका अर्थ जीवनभर निरोग रहना ही सच्ची निरामय है, को भारतीयों को चरितार्थ करना हैl
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अंतर्भुक्त सभी कर्मचारी सदस्य अपने कार्यालयीन समय में अपने संपर्क में आनेवाले रोगी और उनके परिजनों को भिन्न-भिन्न रोग और उनके कारणों को आलोकपात करती आ रही हैl प्रदेश के हर अस्पताल में सभी दुररारोग्य, असाध्य रोगों के कारण, निवारण पर जानकारियाँ सहजता से दी जाती है, कहीं पर भी कोई प्रतीक्षा, तितिक्षा की आवश्यकता नहीं हैl स्वदेश प्रेम, मानव प्रेम हेतु शिक्षित, दीक्षित और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए इन्हें ग्रहण करना चाहिएl अन्यथा कल किसी की भी मजबूरी हो सकती है अस्पताल में जाकर लेटने की l
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