छत्तीसगढ़ शासन के अधीनस्थ सभी प्रकार के अस्पतालों में जो स्वास्थ्य काउंसलर कार्यरत हैं, वे मरीजों के हितार्थ अस्पतालों में बेहेतर वातावरण की आवश्यकता महसूस कर रहें हैं l इन परामर्शदाताओं को प्रत्येक दिवस को कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, मोटापा, स्ट्रोक, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं की उचित देखभाल, तम्बाकू से स्वास्थ्य को होनेवाली जानलेवा बिमारियों की जानकारियां के साथ-साथ संचारी रोग जैसे क्षय रोग (टी बी) और अनेक स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दों पर मरीजों को जीवनदायिनी सलाह देना होता है l

स्वास्थ्य काउंसलर मरीजों के निकट संपर्क में हर दिन आने के कारण अपने स्वास्थ्य पर जोखिम तो लेते ही हैं पर इस तथ्य से पहले उनका कहना है की प्रभावी सलाह के लिए हर अस्पताल में एक पृथक साफ़-सूथरा कक्ष होना चाहिएl इस प्रकार की व्यवस्था होने से हर प्रकार के मरीज अपनी समस्याओं को सार्वजनिक होने से बचाते हुए स्वास्थ्य काउंसलर से खुल कर वार्तालाप कर सकेंगेl शासन की ‘स्वस्थ्य छत्तीसगढ़’ गढ़ने की मंशा जल्द मूर्त रूप लेने लगेगीl  स्वास्थ्य काउंसलर भी अपने कार्यों में अधिक रूचि लेंगेl

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के काउंसलर प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक श्रीमती धानेश्वरी साहू का मानना है कि वर्तमान में यह व्यवस्था अस्पतालों में नहीं है l उन्होंने आगे कहा कि जटिल और संवेदनशील मरीज जैसे मानसिक रोगी भी शासकीय अस्पताल आते हैं, जिन्हें अत्यंत आत्मीयता से जीवन के प्रति सकारात्मक और आशावादी बनाना होता है l उन्होंने इस बात को रेखांकित किया की पृथक कक्ष के निर्माण की आवश्यकता नहीं हैl मौजूदा अधोसंरचनाओं में ही पृथक व्यवस्था बनायीं जा सकती है l

स्वास्थ्य काउंसलर के लिए भी चिकित्सकों के लिए होनेवाले सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम की तर्ज पर नियमित ज्ञान उन्नयन कार्यक्रम आयोजित करना चाहिएl ऐसा होने से वे हर बीमारी की अद्यतन जानकारी से वाकिफ रहेंगे और अपना कार्य दिनोदिन उत्कृष्टता से कर पाएंगेl

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