प्रदेश की विभिन्न हिस्सों में भांजी, विषेशकर करमत्ता भांजी, और कुछ अन्य सब्जियां कुछ ऐसी जगह में उगाये जाते है, जहां गन्दी नालियों के दूषित जल जा कर थमते होंl इस प्रकार उगाई गयी सब्जियों में छुपे सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या को जानना भी स्वास्थ्य रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है l जिन इलाकों में सूअर के मांस खाने का प्रचलन हैं वहां ऐसे लोगों द्वारा उत्सर्जित मल में एक प्रकार का कीड़ा पाया जाता है, जो सिवरेज लाइन से होकर, गंदे नालियों से बहकर उक्त जगहों में जा बसते हैl सूअर के मांस भक्षियों की आँतों में उक्त कीड़ा, जिसे तानिया सोलियम कहते है, तब होने की सम्भावना होती है, जब मांस को ठीक तापमान में न पकाया गया होl यह कीड़े ऐसे सब्जियों से होकर स्वस्थ्य व्यक्तियों में भोजन के रास्ते प्रवेश करते है, और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैl इस बिमारी को neuro cysticircosis के नाम से जाना जाता हैl चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह अगर मानें तो प्रदेश के कई हिस्सों में गंदे पानी में करमत्ता भांजी उगे हुए दिखते हैंl इसलिए लोगों को चाहिए की पकाने से पहले वे हर प्रकार के सब्जी- भांजी को अच्छे से धोएं, और गरम पानी का इस्तेमाल करेंl शहरों के सफाई और दूषित जल निकासी के लिए जिम्मेदार विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों को भी इस खतरनाक बीमारी की जानकारी होनी चाहिएl कृषी और बागवानी में रूचि रखनेवालों के लिए ये अत्यंत गंभीर जानकारी व ज्ञानवर्धन का विषय है l ज्ञात हो की neuro cysticircosis एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या जानी जाती हैl विशेषज्ञों का कहना है की उक्त बीमारी सलाद खाने वालों में भी हो सकती है, यदि सलाद में उपयोग की गई सब्जियां उक्त प्रकार से उगाई गई हों और ठीक तरह से धोयी न गयी होl इस बिमारी से बचे रहने के लिए शौच के बाद ठीक से हाथ धोना भी आवश्यक है l