प्रदेश की आम जनता को को चोबीस घंटे गुणवत्तापुर्ण चिकित्सा सेवा के लिए अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त तभी माना जाय जब संलग्न क्षेत्र में चिकित्सक तथा सभी संवेदनशील कार्य निष्पादन करनेवाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए उपयुक्त सरकारी निवास हों।

स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा क्षेत्र को शून्य त्रुटि का माना जाता है और यह सेवा देने वालों की मनोदशा सदा मरीजों के साथ शीतलता पूर्ण रहे, यह आवश्यक है।

आम जनता के साथ कोलाहल भरी इलाकों में निवासरत होने से न केवल अपने चिकित्सा संस्थान में आवागमन कभी कभी मुश्किल हो जाता है, बल्कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के मनोदशा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

ज्ञात होना चाहिए कि सीमा पर लड़ने वाले सैनिकों के लिए सारी व्यवस्थएं पृथक है, तो फिर मानव जीवन के सूक्ष्म शत्रु, जैसे वाइरस, बैक्टीरिया से लड़ने वालों के लिए कोई संजीदगी पूर्ण परिवेश निर्माण क्यों नहीं?

अस्पतालों के संलग्न मकानों में रहने से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपना घर अस्पताल जैसा और अस्पताल घर जैसा लगता है। उन्हें यह भी महसूस होने लगता है कि वे और मरीज मिलकर एक परिवार बनाते हों।

छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में अस्पतालों से संलग्न स्टाफ क्वार्टर का दृश्य कहीं धूप, कहीं छांव जैसा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव श्री राजेन्द्र यादव जी का कहना है कि पूर्व में जब परिवार नियोजन योजना लागू की गई थी, तब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक, स्टाफ नर्स व ए एन एम के लिए निवास बनाए गए थे। संघ की मांगो में एक मांग क्वार्टर भी है।

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