माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय दिनांक 04.02.2020 एवं शासन के आदेश एवं छ.ग राजपत्र मे प्रकाशित कार्य विवरण मे स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ग्रामीण चिकित्सा सहायक (तृतीय वर्ग कर्मचारी) भारत शासन से चिकित्सा क्षेत्र मे मान्यता प्राप्त पांच विद्या मे ( एलोपैथी,आर्युवेदिक, होम्योंपैथी,यूनानी,नेचुरोपैथी एवे यूनानी तथा पशु चिकित्सा ) कार्य नही कर सकता। विशेषकर एलोपैथी मे किसी भी प्रकार से कार्य या प्रेक्टिस नही कर सकता ।
परन्तु रामगोपाल यदु ग्रामीण चिकित्सा सहायक (तृतीय वर्ग कर्मचारी) उपरोक्त आदेशो को दरकिनार करते हुए मनमर्जी तरीके से लोगो को अपने आप को डाक्टर हॅू बताते अपने योग्यता से बाहर जाकर ईलाज करते हुए भोली-भाली ग्रामीण जनता के जान के साथ खिलवाड करता रहा। और यही नही अपने आप को डाक्टर बताकर कई फर्जी मेडिकल सर्टीफिकेट भी बांटा गया, इसके द्वारा बडी बडी मेडिकल जांच लिखकर मरीजो को प्राईवेट संस्थाओ मे भेजकर ग्रामीण जनो को आर्थिक एवं मानसिक शोषण लगातार करता रहा।


इस संबंध में छ.ग.प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा उच्चाधिकारियो से शिकायत किया गया था, जिसका विभागीय जांच मे शिकायत को सही पाया गया , तदोपंरात दिनांक 30.07.2024 को एक माह का नोटिस जारी करते हुए शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया ।

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