स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपनी मांगों के संबंध में अनाधिकृत रूप से निरंतर हड़ताल कर रहे है, जिसके कारण से लोक हित / नागरिक सेवाएं तथा शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे है, और आम जनता को असुविधा हो रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया ने कहा कि उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 की कंडिका 15 (1) के अनुसार आचरण नियम 1965 का उल्लघंन है। छ.ग. शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवायें हेतु एस्मा (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिनता निवारण अधिनियम 1979) की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लागू किया जावेगा एवं जारी सूचना उपरांत भी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के कार्य पर उपस्थित नहीं होने पर एस्मा अंतर्गत कार्यवाही किया जाना है।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही की जावेंगी। उन्होंने हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य विभाग के संविदा अधिकारी-कर्मचारियों को सूचित किया है कि तीन दिवस के भीतर अपने कार्य पर व्यक्तिगत उपस्थिति देवें, अन्यथा नियमानुसार कार्यवाही के लिये स्वंय जिम्मेदार होंगे।
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