छत्तीसगढ़ प्रदेश भी स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा के व्यापारीकरण के दौर से अछूता नहीं रहा। अन्य प्रदेशों कि तरह यहां भी नये अस्पताल, नर्सिंग होम व क्लिनिक की स्थापना की जा रही है, जहां विकिरण निकालनेवाली चिकित्सकिय मशिनें जरूरी होंगी। एक्सरे, डिजिटल एक्सरे, कैथ लेब, लिनियर एकस्लरेटर, कोबालट, ऐसी मशीनों के चंद नाम हैं। इन मशीनों की खरीदारी, स्थापना व संधारण एटोमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड के कड़े नियमानुसार की जाती है। जरा सी लापरवाही या गुणवत्ताहिनता की अनदेखी होने से जनस्वास्थ्य पर खतरे का बादल छा सकता है। अनावश्यक विकिरण झेलने से साधारण मनुष्य कालांतर में कैन्सर जैसे गंभीर रोगग्रस्त भी हो सकता है। स्थापित नियमों का पालन सुनिश्चित करने हेतु शासकीय व्यवस्था में डायरेक्टर, रेडियेशन सेफ्टी नामक पद सृजित है। इस पदक्षमता से उक्त संचालक समस्त चिकित्सा संस्थानों की निगरानी करवाकर आम जनता के हितार्थ यह सुनिश्चित करता है कि कहीं भी अनावश्यक विकिरण का खतरा नहीं है। उक्त संचालक के अधीनस्थ रेडियेशन सेफ्टी इंस्पेक्टर का पद भी सृजित है। प्रदेश में रेडियेशन सेफ्टी संचालक श्री राकेश मोहन चंदोला जी का जनवरी 2022 में आकस्मिक निधन हो गया। उक्त जानकारी प्रदान करते हुये छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश रेडियोग्राफर प्रकोष्ठ ने आगे बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान शीघ्रातिशीघ्र इस शुन्यता की ओर खिंचा जायेगा। संघ ने इस बात पर बल दिया कि विकिरणवाली मशनों तथा ऐसे चिकित्सकिय संस्थानों का नियमित निरिक्षण होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *